Mein jo Hu waise mujhe dekh

में ख्वाब नहीं कोई ..
..हाकीकत हु देख..
कुछ पल ठहर ...
..मुझे समझ कर तो देख...
ना कोई झोंका हु पवन का   ..
ना अंधी हु कोई ...
मन्द मन्द सासे तुझमे ...
बिखरती हुई हु देख...
छलती हुई दुनिया में ...
नीशछल हु देख...
मुरत be-वफाई  की नहीं ...
वफा की सुरत हु देख..
अब तो आँखो को खोल ..
उतार कर ये पत्ती फेक ...
आज मुझे असली तेरी आँखो से तु देख..
बहुत देखा है तूने ..
अक्श  मुन्द कर अब तक ...
आज अंध_पन त्याग ...
ओर उज्यारे में मुझे देख..
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♧♧♧♧#शिवाली♧♧♧♧♧

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